बिना सोचें समझे कोई काम नही करना चाहिए।
बहुत पहले की बात है।एक नगर में एक व्यपारी रहता था।वह नगर में अपना व्यपार करता था।उसकी जिंदगी ठीक से चल रही थी ।कुछ समय बीतता गया उसके बाद व्यपार में घाटा होने लगा और वह देखते देखते कर्ज में डूबता गया ।वह बहुत ही परेशान रहने लगा।एक दिन उसके मन मे ख्याल आया विदेश में जा कर नौकरी करने का और ढ़ेर सारे पैसा कमाने का,अगले दिन वह ऊठकर अपना व्यपार के सभी सामान विक्री कर के वह विदेश जाने केलिए तैयारी करने लगा।
अगले दिन वह विदेश चला गया और वहां पहुच कर नौकरी करने लगा समय बीतता गया वह नौकरी करने में व्यस्त था ।इस तरह कुछ साल बीत गया अब उसके मन मे अपने घर और परिवार की याद आने लगी ।वह अब घर आने की तैयारी कर घर चल दिया जब वह अपना देश पहुँचा । तो देखा कि रास्ते मे एक ब्राह्मण देवता चिल्ला रहे थे ग्यान ले लो कोई उनकी ग्यान लेने के लिए उनके पास नही जा रहा था।
तब उसके मन मे खयाल आया क्यो नही कुछ ग्यान लेलिया जाय वह ब्राह्मण के पास गया और बोला बाबा हमे ग्यान चाहिये बाबा बोले उसके लिए तुन्हें एक स्वर्ण मुद्राएं देनी होंगी तो मैं आपको ग्यान दूँगा। व्यपारी एक स्वर्ण मुद्रा देने के लिए राजी हो गया बाबा उसको बोले कि कोई भी कम करने के पहले अवश्य थोड़े देर सोच विचार कर लेना चाहिये । व्यपारी ग्यान लेकर वह अपने घर पहुँचा घर पहुचते थोड़ा रात हो गया था, वह घर पहुँच कर देखा कि उसकी औरत के बगल में एक पुरुष सोया हुआ है ,यह सब देख कर व्यपारी बहुत ही दुःखी हुआ और उन दोनों की हत्या करने के बारे में सोंचने लगा तब उसे बाबा की दी हुई ग्यान याद आ गया वह सोचते हुवे पीछे की तरफ बढ़ा की एक टेबल पर एक लोटा में जल रखा था वह जमीन पर गिर गया और व्यपारी की पत्नी जग गई वह अपने पति को देख बहुत खुशी हुई और प्लग पर सोये हुए बालक को भी उठाया और बोली बेटा ।
तब उसके मन मे खयाल आया क्यो नही कुछ ग्यान लेलिया जाय वह ब्राह्मण के पास गया और बोला बाबा हमे ग्यान चाहिये बाबा बोले उसके लिए तुन्हें एक स्वर्ण मुद्राएं देनी होंगी तो मैं आपको ग्यान दूँगा। व्यपारी एक स्वर्ण मुद्रा देने के लिए राजी हो गया बाबा उसको बोले कि कोई भी कम करने के पहले अवश्य थोड़े देर सोच विचार कर लेना चाहिये । व्यपारी ग्यान लेकर वह अपने घर पहुँचा घर पहुचते थोड़ा रात हो गया था, वह घर पहुँच कर देखा कि उसकी औरत के बगल में एक पुरुष सोया हुआ है ,यह सब देख कर व्यपारी बहुत ही दुःखी हुआ और उन दोनों की हत्या करने के बारे में सोंचने लगा तब उसे बाबा की दी हुई ग्यान याद आ गया वह सोचते हुवे पीछे की तरफ बढ़ा की एक टेबल पर एक लोटा में जल रखा था वह जमीन पर गिर गया और व्यपारी की पत्नी जग गई वह अपने पति को देख बहुत खुशी हुई और प्लग पर सोये हुए बालक को भी उठाया और बोली बेटा ।
तुम्हारे पिताजी आ गए इनको प्रणाम करो और बोली कि आप के चले जाने के बाद मैं अपनी बेटी को एक लड़के की तरह पाला है कि कोई हमारे परिवार के ऊपर गलत निगाह न कर सके। यह सब सुन व्यपारी अंदर ही अंदर आत्म ग्लानि हो गया और सोचने लगा कि अगर ब्राह्मण देवता से आज ग्यान न लिया होता तो मुझे बहुत ही पछतावा होता वह खुशी खुशी अपने परिवार के साथ रहने लगा।
Right line
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ReplyDeleteGood
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